शास्त्रीय संगीत और मानसिक संतुलन पर पं. सुनील पावगी संग संवाद : SAMVAAD Connect

ग्वालियर, सितम्बर – भारत की सांगीतिक राजधानी ग्वालियर में हाल ही में प्रख्यात हवाईयन गिटार वादक पं. सुनील पावगी का एक विशेष पॉडकास्ट रिकॉर्ड किया गया। इस अवसर पर संवाद कनेक्ट के फ़ाउंडर धीरज तिवारी ने स्वयं पं. पावगी जी के साथ बैठकर उनकी प्रेरणादायी जीवन यात्रा और शास्त्रीय संगीत के महत्व पर गहन बातचीत की। ग्वालियर घराने की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए पं. पावगी दशकों से अपनी साधना और समर्पण के माध्यम से संगीत की नई पीढ़ी को प्रेरित कर रहे हैं।
धीरज तिवारी ने बातचीत के दौरान कहा – “पं. सुनील पावगी जी के साथ समय बिताना अपने आप में एक धरोहर है। उनका जीवन इस बात का प्रमाण है कि संगीत केवल कला नहीं, बल्कि आत्मा को संतुलित करने और जीवन को संवेदनशील बनाने का माध्यम है।”

पं. पावगी जी ने भी अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि शास्त्रीय संगीत इंसान को विनम्रता और गहराई प्रदान करता है। उन्होंने कहा – “संगीत केवल सुर और ताल नहीं है, बल्कि यह इंसान के निर्माण और मानसिक संतुलन में भी गहरी भूमिका निभाता है।”
हाल ही में पं. पावगी जी को मध्य प्रदेश सरकार द्वारा प्रतिष्ठित शिखर सम्मान से सम्मानित किया गया है, जो उनकी दशकों की साधना और शास्त्रीय संगीत में योगदान का प्रमाण है।
सितम्बर माह को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्लासिकल म्यूज़िक मंथ के रूप में मनाया जाता है। इसी क्रम में संवाद कनेक्ट ने ग्वालियर में इस रिकॉर्डिंग का आयोजन किया। इस दौरान पं. पावगी जी ने अपनी हवाईयन गिटार पर कुछ चुनींदा धुनें प्रस्तुत कीं, जो अत्यंत मनमोहक और आत्मीय रहीं। यह विशेष प्रस्तुति इस तथ्य को और मजबूत करती है कि भारतीय शास्त्रीय संगीत केवल सांस्कृतिक धरोहर ही नहीं, बल्कि मानसिक शांति और भावनाओं के संतुलन का सशक्त साधन भी है।
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